Friday, May 14, 2010

भजन : भगवत अवतार

जब – जब भी धरती पर हुई है धर्म की हानि
अवतार लेकर आते हैं भगवान हे प्राणी

एक समय का जिक्र करें, जब कंस ने हाहाकार किया
मार दिया निर्मल शिशुओं को, बहन पे अत्याचार किया
हुआ कृष्ण अवतार, रोकी उसकी मनमानी -२
अवतार लेकर आते हैं भगवान हे प्राणी

एक बालक प्रहलाद हुआ, जो भक्त था भगवान का
हिरंन्यकुश ने किया प्रताड़ित, भोग्य बना अपमान का
हुआ नरसिह अवतार, और मारा अभिमानी -२
अवतार लेकर आते हैं भगवान हे प्राणी

“शुभ” सेवक की गुरु चरणों में, विनती बारम्बार है
सत्संग – दर्शन मिले निरंतर, अर्ज यही हर बार है
क्षमा करो इस दास की, मेरे “बापू” नादानी -२

रचना: अभिषेक मैत्रेय “शुभ”

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