Thursday, May 21, 2009

जोगी रे क्या जादू है तेरे प्यार में ?
जाने ना जाने ना, जग को खबर कब होगी ?

सूरत तेरी बड़ी है प्यारी अखियाँ हैं मतवाली
नज़र उतारूँ तेरी गुरूवर जाऊँ वारी वारी
हाय हाय जोगी रे.............

तेरा रूप है सबसे न्यारा तू सबका रखवाला
सबको नाच नचावे जोगी कैसा भोला भाला
हाय हाय जोगी रे.............

जब से मैंने तुमको देखा छूट गयी मनमानी
साँस साँस में नाम रटूँ तेरा हो गई मैं दीवानी
हाय हाय जोगी रे.............

मेरे दिलबर मेरे रहबर साथ सदा मेरे रहना
दूर न होना हमसे जोगी ऐसा तुमसे कहना
हाय हाय जोगी रे.............

तन मन में बस जाओ जोगी यह है मेरी मर्जी
इसको मेरा भाव समझ लो या समझो खुदगर्जी
हाय हाय जोगी रे.............

तुम ही तुम हो मेरे दिल में और कोई न रहता
मेरी साँसों की सरगम में तेरा नाम है रहता
हाय हाय जोगी रे.............

तेरे प्रेम में मैं बह जाऊँ मूरत मनवा बसाऊँ
तेरा सुमिरन करके जोगी भव सागर तर जाऊँ
हाय हाय जोगी रे.............

तुझसे ही है ये हरियाली महके डाली डाली
जो भी तुमको देखे जोगी छाये मुख पे लाली
हाय हाय जोगी रे............

ज्ञान की ज्योति तुम हो जगाते भक्ति की धारा बहाते
आनंद आनंद सबको आता दौड़ के द्वार पे आते
हाय हाय जोगी रे..........

तेरा दर्शन हर पल माँगू और न माँगू कुछ भी
तेरी इक मुस्कान पे वारूँ अपनी जिंदगी सारी
हाय हाय जोगी रे...........

बुरा हो इन बैरन अखियन का कर बैठीं नादानी
पहले मन में आग लगायी अब बरसाये पानी
हाय हाय जोगी रे...........

तेरे प्रेम में नीर बहाऊँ मूरत मन में बसाऊँ
तेरी याद में मेरे जोगी मैं बलिहारी जाऊँ
हाय हाय जोगी रे..........

उलटी प्रीत है जग की जोगी हाथ पकड़ कर तजना
साँची प्रीत है तेरी जोगी हाथ पकड़ नहीं तजना
हाय हाय जोगी रे...........

तेरे दर्श से मन हो पुलकित आनंद आनंद आये
तेरी अखियाँ ऐसे लागें जैसे हमें बुलायें
हाय हाय जोगी रे...........

चन्दा भी देखा तारे भी देखे देखा सूरज बरसों
जब से मैंने तुमको देखा मन में फूली सरसों
हाय हाय जोगी रे.............

Thursday, May 07, 2009

गुरुदेव मेरे साईं शिव भोले भाले हैं ।
सृष्टि के पालनहार तिरलोक संभाले हैं ॥

ज्यूँ बालक जन्मे राम , घनश्याम ने जन्म लिया
सिखलाई मर्यादा, गीता का ज्ञान दिया
इन दोनों का संगम, "बापू" से पाते हैं
गुरुदेव मेरे साईं शिव भोले भाले हैं ......

दीवानों की दुनिया है , यहाँ हर कोई दीवाना
हर एक का कहना है, वो खुद में है मस्ताना
दीवाने तेरे बापू , कुछ और निराले हैं
गुरुदेव मेरे साईं शिव भोले भाले हैं ......

"शुभ" चरनन में तेरे , मेरी प्रीत बढे गुरुवर
इस जग के चिंतन से, मेरा ध्यान हटे गुरुवर
भक्ति की धारा में, हमको नहलाते हैं
गुरुदेव मेरे साईं शिव भोले भाले हैं ......


रचना : अभिषेक मैत्रेय "शुभ"