ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
ॐ ---- श्री कृष्ण जन्माष्टमी की बधाईयाँ ---- ॐ
हर चित्त में बसेरा कर डाला रे गोपाला ,
तू अनेकों नाम रूपों वाला रे गोपाला
गोपाला – गोपाला , नन्द लाला -2
कारागार में जन्म लियो है ,
सृष्टि पर उपकार कियो है ,
तूने खोल दिया हर एक ताला रे गोपाला
तू अनेकों नाम रूपों वाला रे गोपाला
गोपाला – गोपाला , नन्द लाला -2
ग्वाल - बाल संग यमुना किनारे ,
खेलन गयो मोरे कृष्ण मुरारे ,
तूने कालिया मर्दन कर डाला रे गोपाला
तू अनेकों नाम रूपों वाला रे गोपाला
गोपाला – गोपाला , नन्द लाला -2
ज़हर का प्याला राणा जी ने भेजा ,
पिया ज़हर मीरा ने ना सोचा ,
तूने विष को अमृत कर डाला रे गोपाला
तू अनेकों नाम रूपों वाला रे गोपाला
गोपाला – गोपाला , नन्द लाला -2
गोकुल पर जब विपदा पडी थी ,
सबकी निगाहें तुम पे गडी थी ,
तुने गोवर्धन ही उठा डाला रे गोपाला
तू अनेकों नाम रूपों वाला रे गोपाला
गोपाला – गोपाला , नन्द लाला -2
“शुभ” को अपना दास बना लो ,
अन्तः करण में वास बना लो ,
तुझे अर्पण करूँ भाव माला रे गोपाला
तू अनेकों नाम रूपों वाला रे गोपाला
गोपाला – गोपाला , नन्द लाला -2
रचित द्वारा : अभिषेक मैत्रेय "शुभ"
९९९०३४८६६४
Param Pujya Sant Shri Asaramji, endearingly called 'Bapu', is a Self-Realized Saint from India. Pujya Bapuji preaches the existence of One Supreme Conscious in every human being; be it Hindu, Muslim, Jain, Christian, Sikh or anyone else. Bapuji represents a confluence of Bhakti Yoga, Gyan Yoga & Karma Yoga. This website is a humble attempt to spread the divine message of Pujya Bapuji.
Thursday, August 30, 2007
Friday, August 17, 2007
Monday, August 13, 2007
ॐ श्री सतगुरु चरण कमलेभ्यो नमः
प्यारी हमारी गुरू पादुका ज्योत जगाने वाली है ,
महिमा गुरू चरणों की वेदों ने भी बखानी है ।
कृष्ण लला ने गुरू सांदिपनी के चरण पखारे थे ,
तीन लोक के राजा बने सबके ह्रदय दुलारे थे ,
हरि भी गुरू चरणों मे बैठे सत्य है ! नहीं कहानी है ,
महिमा गुरू चरणों की वेदों ने भी बखानी है ।
श्री राम जी को जग पूजे वो पूजे नित गुरू चरनन को ,
गुरू वाशिष्ठ की चरण पादुका रख ली नित - नित दर्शन को ,
मर्यादापुरुषोत्तम बन गए बात सभी ने जानी है ,
महिमा गुरू चरणों की वेदों ने भी बखानी है ।
ऐसे ही हम साधक मिल कर चरण वंदना गाते हैं ,
संत शिरोमणि बापूजी के आशीर्वचन को पाते हैं ,
सुने धरा और नभ के वासी ये "शुभ" वाणी है ,
महिमा गुरू चरणों की वेदों ने भी बखानी है ।
ॐ श्री सतगुरु चरण कमलेभ्यो नमः
रचित द्वारा : अभिषेक मैत्रेय "शुभ"
९९९०३४८६६४
प्यारी हमारी गुरू पादुका ज्योत जगाने वाली है ,
महिमा गुरू चरणों की वेदों ने भी बखानी है ।
कृष्ण लला ने गुरू सांदिपनी के चरण पखारे थे ,
तीन लोक के राजा बने सबके ह्रदय दुलारे थे ,
हरि भी गुरू चरणों मे बैठे सत्य है ! नहीं कहानी है ,
महिमा गुरू चरणों की वेदों ने भी बखानी है ।
श्री राम जी को जग पूजे वो पूजे नित गुरू चरनन को ,
गुरू वाशिष्ठ की चरण पादुका रख ली नित - नित दर्शन को ,
मर्यादापुरुषोत्तम बन गए बात सभी ने जानी है ,
महिमा गुरू चरणों की वेदों ने भी बखानी है ।
ऐसे ही हम साधक मिल कर चरण वंदना गाते हैं ,
संत शिरोमणि बापूजी के आशीर्वचन को पाते हैं ,
सुने धरा और नभ के वासी ये "शुभ" वाणी है ,
महिमा गुरू चरणों की वेदों ने भी बखानी है ।
ॐ श्री सतगुरु चरण कमलेभ्यो नमः
रचित द्वारा : अभिषेक मैत्रेय "शुभ"
९९९०३४८६६४
Saturday, August 04, 2007
Subscribe to:
Posts (Atom)