Monday, October 22, 2007

पूज्य श्री का आगामी सत्संग कार्यक्रम

२६ से २८ अक्तूबर 200७

सत्संग एवं पूनम दर्शन

निकट मेट्रो स्टेशन , सेक्टर -11,
द्वारका , दिल्ली

Wednesday, October 17, 2007

धन तेरस पर्व से दिवाली पर्व तक जपा जाने वाला
महालक्ष्मी मंत्र

ॐ नमो भाग्यलक्ष्मी च विद्महे,
अष्टलक्ष्मी च धीमहि,
तन्नो लक्ष्मी प्रचोदायत !!
अधिक जानकारी के लिए पिछले वर्ष का ऋषि प्रसाद दिवाली अंक देखें अथवा नवंबर २००७ अंक की प्रतीक्षा करें ।
नारायण हरि
निम्नलिखित मंत्र और इनके प्रभाव के बारे में विस्तार से जानने के लिए पढे !
"मंत्र जाप महिमा एवं अनुष्ठान विधि"
पृष्ठ संख्या : ४० से ४४ तक


सूर्य मंत्र : ॐ सूर्याय नमः
सरस्वती मंत्र : ॐ श्री सरस्वत्यै नमः
लक्ष्मी मंत्र : ॐ महालक्ष्म्यै नमः
गणेश मंत्र : ॐ श्री गणेशाय नमः , ॐ गं गणपतये नमः

नारायण हरि

Tuesday, October 09, 2007

पूज्य श्री का आत्मसाक्षात्कार दिवस
दिनांक : १३ अक्तूबर २००७

"आसोज सुद दो दिवस , संवत बीस इक्कीस ।
मध्याह्न ढाई बजे , मिला ईश से ईश ॥
देह सभी मिथ्या हुई , जगत हुआ निस्सार ।
हुआ आत्म से तभी अपना साक्षात्कार ॥"


"पूर्ण गुरू कृपा मिली , पूर्ण गुरू का ज्ञान ।

आसुमल से हो गए , साई आसाराम ॥"

सभी गुरू भक्तों को इस पर्व की ख़ूब - ख़ूब बधाई हो ।

नारायण हरि .....

Monday, October 08, 2007

ॐ : गुरू ब्रह्म ज्ञानी पद पायें - भजन : ॐ

गुरू ब्रह्म ज्ञानी पद पायें , घट में ईश्वर प्रगटायें ।
गुरू कृपा से संशय मिटायें , घट में ईश्वर प्रगटायें ॥

दिवस आज का बहुत ही सुन्दर , अनुभव विचित्र हुए थे अन्दर
साई लीलाशाह को ध्याये , घट में ईश्वर प्रगटायें
गुरू कृपा से संशय मिटायें , घट में ईश्वर प्रगटायें ॥

अंतर ज्योत जगा देते हैं , मन का भरम मिटा देते हैं
खुद ईश्वर धरा पर धाए , घट में ईश्वर प्रगटायें
गुरू कृपा से संशय मिटायें , घट में ईश्वर प्रगटायें ॥

सतगुरु सृष्टि के पालनहारे , सब विधि बिगडे काज सँवारे
घट अनहद नाद सुनाएँ , घट में ईश्वर प्रगटायें
गुरू कृपा से संशय मिटायें , घट में ईश्वर प्रगटायें ॥

ब्रह्मज्ञान का दीप जलाया , कलिकलुष अन्धकार मिटाया
सब ज्योतिर्मय चमकायें , घट में ईश्वर प्रगटायें
गुरू कृपा से संशय मिटायें , घट में ईश्वर प्रगटायें ॥

भक्त जनन के तारनहारे , हम सबके हे बापू प्यारे
"शुभ" चरणों में शीश झुकायें , घट में ईश्वर प्रगटायें
गुरू कृपा से संशय मिटायें , घट में ईश्वर प्रगटायें ॥


रचित द्वारा : अभिषेक मैत्रेय "शुभ"
९९९०३४८६६४

ॐ : गुरू पूनम का पर्व है आया - भजन : ॐ


गुरू पूनम का पर्व है आया , झूम - झूम कर मन ने गाया ।
गुरू जी मेरे आ जाओ , साई जी मेरे आ जाओ ॥

साधक झूमें मस्ती में हरि नाम का जाम पिलाया ,
नाचे मनवा लहर - लहर गुरू नाम को तेरे गाया -२
प्यास बुझा जाओ , जल्दी से आ जाओ
गुरू जी मेरे आ जाओ , साई जी मेरे आ जाओ ॥

दूर रहो बच्चो से बापू अब ये सहा ना जाये ,
कितनी पीडा ना मिलने की ये भी कहा ना जाये -२
मिलन बढ़ा जाओ , "शुभ" दर्शन दे जाओ
गुरू जी मेरे आ जाओ , साई जी मेरे आ जाओ ॥

अंतर्यामी बापू ने वेदों का मनन कराया ,
लोभ मोह मद मत्सर के फंदो से हमे छुडाया -२
अमृत पिला जाओ , सत्संग सुना जाओ
गुरू जी मेरे आ जाओ , साई जी मेरे आ जाओ ॥


रचित द्वारा : अभिषेक मैत्रेय "शुभ"
९९९०३४८६६४