Friday, July 25, 2008

अनमोल सत्संग : ॐ ॐ
सावन में भगवान् शिव जी की पूजा का विशेष महत्त्व है । बिल्व पत्र भगवान् शंकर को बहुत प्रिय हैं । बिल्व के तीन पत्र माना रजो गुण, तमो गुण और सतो गुण भगवान् शंभ सदाशिव को अर्पित कर देना । बिल्व पत्र वायु सम्बन्धी रोगों को समाप्त करता है ।
बुद्धि की ऊंचाई का फल है परिस्थितियों में सम रहना ।
मरने वाले शरीर को हम अपना मानते हैं इसीलिए हम सोये हुए हैं ।
"मोह निशा सब सोवन हारा ..... "
सारे विश्व का राज्य मिल जाए और ब्रह्म सुख न मिला तो भी घाटा है ।
तीन टूक कोपीन की भाजी बिना लूण .....
"वो ना थे मुझ से दूर ना मैं उनसे दूर था ।
आता ना नजर तो नजर का कसूर था ॥ "


मनुष्य जन्म सार्थक करने के लिए बुद्धि मिली है । खाली पेट भरने के लिए , मजदूरी करके जीवन बिताने के लिए ही हमारा जन्म नही हुआ है ।
ह्रदय में बसे हृदयेश्वर को पाने के लिए वास्तविकता में हमारा जन्म हुआ है ।
मनुष्य तू इतना ऊँचा है कि तू भगवान् का गुरु बन सकता है , भगवान् का भक्त बन सकता है , भगवान् का सखा बन सकता है , भगवान् का मित्र बन सकता है , भगवान् का प्रेमी बन सकता है और तो और भगवान् का माँ -बाप भी बन सकता है ।
भगवान् भाव के भूखे हैं वो किसी व्यंजन इत्यादि से खुश नही होते ।
बुद्धि का आदर करना है तो ये बात ठान लो कि एक है नित्य और एक है अनित्य । प्रकृति अनित्य है और परमात्मा नित्य है ।
सावन में हरा शाक और दूध ज्यादा नहीं लेना चाहिए ।

बिनु सत्संग विवेक न होई , राम कृपा बिनु सुलभ न सोई ..

नारायण हरि
--आज सुबह (२५ जुलाई २००८) सोनी टेलीविजन पर प्रसारित सत्संग के कुछ अनमोल वचन ।
यह पूज्य गुरुदेव की अमृतमयी वाणी को सुन कर लिखा गया है अतः लिखने में त्रुटि होने की संभावना है । कृपया यदि कोई त्रुटि हो गई हो तो क्षमा करें।

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