Friday, July 20, 2007

ॐ --: सखियाँ :- ॐ
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सतयुग विष्णु त्रेता राम , द्वापर में घनश्याम
कलयुग में भव तारण , को अवतार श्री आसाराम
हरि हरि ॐ .......

मधु जैसे है मधुर वो , चित्त है बहुत विशाल
दया धर्म की मूर्ति वो , मेरे सद गुरू दीन दयाल
हरि हरि ॐ .......

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