Thursday, May 07, 2009

गुरुदेव मेरे साईं शिव भोले भाले हैं ।
सृष्टि के पालनहार तिरलोक संभाले हैं ॥

ज्यूँ बालक जन्मे राम , घनश्याम ने जन्म लिया
सिखलाई मर्यादा, गीता का ज्ञान दिया
इन दोनों का संगम, "बापू" से पाते हैं
गुरुदेव मेरे साईं शिव भोले भाले हैं ......

दीवानों की दुनिया है , यहाँ हर कोई दीवाना
हर एक का कहना है, वो खुद में है मस्ताना
दीवाने तेरे बापू , कुछ और निराले हैं
गुरुदेव मेरे साईं शिव भोले भाले हैं ......

"शुभ" चरनन में तेरे , मेरी प्रीत बढे गुरुवर
इस जग के चिंतन से, मेरा ध्यान हटे गुरुवर
भक्ति की धारा में, हमको नहलाते हैं
गुरुदेव मेरे साईं शिव भोले भाले हैं ......


रचना : अभिषेक मैत्रेय "शुभ"

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