Thursday, December 04, 2008

जीवन रसायन :
१) जो मनुष्य इसी जन्म में मुक्ति प्राप्त करना चाहता है, उसे एक ही जन्म में हजारों वर्षों का काम कर लेना होगा । उसे इस युग की रफ़्तार से बहुत आगे निकलना होगा । जैसे स्वप्न में मान-अपमान, मेरा-तेरा, अच्छा-बुरा दिखता है और जागने के बाद उसकी सत्यता नहीं रहती वैसे ही इस जाग्रत जगत में भी अनुभव करना होगा । बस .... हो गया हजारों वर्षों का काम पूरा । ज्ञान की यह बात ह्रदय में ठीक से जमा देने वाले कोई महापुरुष मिल जाएँ तो हजारों वर्षों के संस्कार, मेरे तेरे के भ्रम को दो पल में ही निवृत कर दें और कार्य पूरा हो जाए ।

1 comment:

shivoham005 said...

hari om,

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http://saakshaatkar.blogspot.com

as there is so much kuprachar around the need for circulation of this blog is highest so please tell others also

thank you