पूज्य श्री का आत्मसाक्षात्कार दिवस
दिनांक : १३ अक्तूबर २००७
"आसोज सुद दो दिवस , संवत बीस इक्कीस ।
मध्याह्न ढाई बजे , मिला ईश से ईश ॥
देह सभी मिथ्या हुई , जगत हुआ निस्सार ।
हुआ आत्म से तभी अपना साक्षात्कार ॥"
"पूर्ण गुरू कृपा मिली , पूर्ण गुरू का ज्ञान ।
आसुमल से हो गए , साई आसाराम ॥"
सभी गुरू भक्तों को इस पर्व की ख़ूब - ख़ूब बधाई हो ।
नारायण हरि .....
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