हरि ॐ : भजन : हरि ॐ
बड़ा सुंदर सा प्यारा सा नाम जिनका
मोटेरा में है धाम जिनका
लोग कहते हैं बापू आसाराम
उनके चरणों में लाखों प्रणाम
निर्धन हो या हो धनवान , समझें सबको एक समान
"शुभ" झलक मिल जाए तो -२ , टूट जाते हैं सारे अभिमान
उनके चरणों में लाखों प्रणाम ......
मुझको रंग दिया भक्ति के रंग में , प्रेम हो गया प्रभु जी के संग में
हो सामने तुम तो पता चले ना -२ , कब हो जाए सुबह कब शाम
उनके चरणों में लाखों प्रणाम ......
दाता तुम हो दया के सिन्धु , जिसको मिल जाए एक बिन्दु
ध्यान धरे जो मन से बापू -२, दिखे तुझमें राम और श्याम
उनके चरणों में लाखों प्रणाम ......
ग्रंथों का मुझे ज्ञान नहीं है , अच्छे-बुरे की पहचान नहीं है
तेरे मुख से निकले ज्ञान की गंगा -२, उसमें करता रहूँ स्नान
उनके चरणों में लाखों प्रणाम ......
रचना : अभिषेक मैत्रेय "शुभ"
बड़ा सुंदर सा प्यारा सा नाम जिनका
मोटेरा में है धाम जिनका
लोग कहते हैं बापू आसाराम
उनके चरणों में लाखों प्रणाम
निर्धन हो या हो धनवान , समझें सबको एक समान
"शुभ" झलक मिल जाए तो -२ , टूट जाते हैं सारे अभिमान
उनके चरणों में लाखों प्रणाम ......
मुझको रंग दिया भक्ति के रंग में , प्रेम हो गया प्रभु जी के संग में
हो सामने तुम तो पता चले ना -२ , कब हो जाए सुबह कब शाम
उनके चरणों में लाखों प्रणाम ......
दाता तुम हो दया के सिन्धु , जिसको मिल जाए एक बिन्दु
ध्यान धरे जो मन से बापू -२, दिखे तुझमें राम और श्याम
उनके चरणों में लाखों प्रणाम ......
ग्रंथों का मुझे ज्ञान नहीं है , अच्छे-बुरे की पहचान नहीं है
तेरे मुख से निकले ज्ञान की गंगा -२, उसमें करता रहूँ स्नान
उनके चरणों में लाखों प्रणाम ......
रचना : अभिषेक मैत्रेय "शुभ"
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